सफ़ीला नवीद, सफ़ीना नज़ीर और निमरा वहीद
उद्देश्य: इस अध्ययन का उद्देश्य स्पेक्ट्रोफोटोमीटर का उपयोग करके आईसीएच दिशानिर्देश Q1A (R2) के तहत परिभाषित मेलोक्सिकैम के विभिन्न ब्रांडों पर गर्मी, यूवी प्रकाश, एसिड और बेस के प्रभाव अर्थात जबरन गिरावट अध्ययन करना था।
कार्यप्रणाली: मेलोक्सिकैम के प्रत्येक ब्रांड का 200ppm का मानक घोल तैयार करके अपघटन अध्ययन किया गया। मानक घोल से कार्यशील घोल तैयार किया गया तथा अलग-अलग टेस्ट ट्यूब में 0.1 N HCl, 0.1 N NaOH और विआयनीकृत जल मिलाया गया। प्रत्येक ब्रांड के घोल की टेस्ट ट्यूब को कमरे के तापमान पर रखकर अम्ल और क्षार के प्रभाव का पता लगाया गया तथा घोल की टेस्ट ट्यूब को क्रमशः 320 nm और 50.C पर छोड़कर UV और ऊष्मा के प्रभाव का पता लगाया गया।
परिणाम: इस अध्ययन के परिणाम से पता चला है कि जब मेलॉक्सिकैम (ए, बी और सी) के विभिन्न ब्रांडों को 0.1 एन NaOH (मूल माध्यम) में पेश किया गया तो ब्रांड ए और बी में कम गिरावट देखी गई, जबकि ब्रांड सी में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। जब मेलॉक्सिकैम (ए, बी और सी) के विभिन्न ब्रांडों को 0.1 एन एचसीएल (अम्लीय माध्यम) में पेश किया गया तो दो ब्रांडों बी और सी में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई, जबकि ब्रांड ए ने अत्यधिक महत्वपूर्ण गिरावट दिखाई। जबकि जब विभिन्न ब्रांडों (ए, बी और सी) को 30 मिनट के लिए पराबैंगनी प्रकाश (320 एनएम) के संपर्क में रखा गया, तो तीनों ब्रांडों ए, बी और सी में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। जब विभिन्न ब्रांडों (ए, बी और सी) को गर्मी (50 डिग्री सेल्सियस) के संपर्क में लाया गया
निष्कर्ष: खराब उत्पाद की मात्रा का यूवी स्पेक्ट्रोस्कोपी विश्लेषण आमतौर पर अन्य तरीकों की तुलना में बेहतर होता है क्योंकि इसमें उपकरण की लागत कम होती है और रखरखाव का लाभ किफायती होता है। यह आसान और तेज़ तरीका है और इसका इस्तेमाल QC प्रयोगशालाओं में नियमित जांच में किया जा सकता है।