सईद खलील फ़ोरूज़ानिया
पृष्ठभूमि: ऑन-पंप और ऑफ-पंप कोरोनरी धमनी बाईपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी) के बाद शल्य चिकित्सा संबंधी जटिलताएं इस्केमिक मायोकार्डिया को पुनः संवहनीकृत करने के लिए विभिन्न हृदय शल्य चिकित्सकों के बीच एक विवादास्पद मुद्दा है।
उद्देश्य: इस अध्ययन का उद्देश्य ऑन-पंप और ऑफ-पंप CABG के बाद प्रारंभिक परिणाम की तुलना करना है।
विधियाँ: यह इस्केमिक हृदय रोग के रोगियों में एक यादृच्छिक नैदानिक परीक्षण है, जिन्हें शल्य चिकित्सा पद्धति के अनुसार 2 समूहों में विभाजित किया गया है। ऑन-पंप और ऑफ-पंप CABG से गुजरने वाले 104 रोगियों में 30 दिनों के शुरुआती परिणामों का मूल्यांकन किया जाता है। दो समूहों के बीच स्ट्रोक, संक्रमण, अन्वेषण सर्जरी, मायोकार्डियल इंफार्क्शन, गुर्दे की विफलता, जीवित रहने की दर आदि की घटनाओं की तुलना करने के लिए SPSS विश्लेषण का उपयोग किया जाता है।
परिणाम: CABG से गुजरने वाले 104 रोगियों में से 36 रोगियों का उपचार ऑन-पंप सर्जरी और 68 रोगियों का उपचार ऑफ-पंप सर्जरी द्वारा किया गया। दो समूहों के बीच जनसांख्यिकीय विशेषताओं और जोखिम कारकों के लिए एकरूपता देखी गई। सर्जरी के बाद 30 दिनों में EF (p: 0.735), स्ट्रोक (p: 0. 465), संक्रमण (p: 0.201), अन्वेषण सर्जरी (p: 0.795), ICU और अस्पताल में रहने की अवधि (p: 0.123, p: 0. 082), ICU और अस्पताल में पुनः प्रवेश (p: 0. 946, p: 0.644), सर्जरी के बाद 24 घंटों के दौरान रक्तस्राव की मात्रा (p: 0. 186) ने दो समूहों के बीच महत्वपूर्ण सांख्यिकीय अंतर नहीं दिखाया।
निष्कर्ष: इस नैदानिक रजिस्ट्री में, ऑन-पंप और ऑफ-पंप CABG के 30 दिनों के बाद के प्रारंभिक परिणाम में ऑन-पंप और ऑफ-पंप समूहों के बीच सर्जरी के बाद जटिलताओं में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं दिखा।