मिमोज़ा कांगा
उद्देश्य: इस अध्ययन का उद्देश्य अस्पताल में भर्ती बच्चों के माता-पिता पर प्रभाव डालने वाले तनाव कारकों का मूल्यांकन करना था ।
उद्देश्य: विभिन्न तनावों, आयु और लिंग के बीच सहसंबंध का विश्लेषण करना।
सामग्री और विधि: यह अध्ययन जनवरी-जुलाई 2019 की अवधि में फिएरी क्षेत्रीय अस्पताल के सामान्य बाल रोग विभाग में आयोजित किया गया था। नमूना 200 अभिभावकों द्वारा बनाया गया था, जिसमें 86 (43.3%) पुरुष और 114 (56.7%) महिलाएँ थीं। हमारे नमूने के रूप में चुने गए माता-पिता के बच्चे कम से कम 5 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे। वे बिना किसी हिचकिचाहट के भाग लेने और दिए गए प्रश्नावली को पूरा करने के लिए तैयार थे।
परिणाम: भाग लेने वाले माता-पिता में से अधिकांश महिलाएं (56.7%) थीं, जबकि शेष पुरुष (43.3%) थे। अधिकांश नमूने (45%) की आयु 26-30 वर्ष थी। 55% माता-पिता में अनिद्रा से उत्पन्न अवसाद के लक्षण थे। 30% ने कहा कि वे अनिद्रा के कारण काम पर सोते थे। अस्पताल में भर्ती बच्चों के 14% माता-पिता को अनिद्रा की दवाओं के साथ इलाज किया गया था और माता-पिता के एक उच्च प्रतिशत (86%) का इलाज नहीं किया गया था। नमूने (23%) ने बताया कि उनके बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने के दौरान उन्हें हृदय ताल की गड़बड़ी हुई थी। एकत्र किए गए अन्य आंकड़ों से पता चला कि नमूने के 80% लोग अस्पताल में इंतजार करने से तनावग्रस्त थे, जबकि उनमें से 42% ने बच्चे की मौखिक समस्याओं से भी तनाव महसूस किया।