अभिषेक श्रीवास्तव
पृष्ठभूमि और उद्देश्य: टाइप 2 मधुमेह मेलिटस वाले पुरुषों में हाइपोगोनाडिज्म का प्रचलन बढ़ गया है। इस अध्ययन का उद्देश्य टाइप 2 मधुमेह मेलिटस वाले वयस्क रोगियों में हाइपोगोनाडिज्म के प्रचलन का अनुमान लगाना और इन रोगियों में हाइपोगोनाडिज्म के साथ ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन और बॉडी मास इंडेक्स के संबंध की जांच करना था।
सामग्री और विधियाँ : इस क्रॉस सेक्शनल अध्ययन में टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित 50 वयस्क पुरुष रोगियों (30-60 वर्ष की आयु) को शामिल किया गया। रोगियों को दो समूहों में विभाजित किया गया; हाइपोगोनाडिज्म वाले और हाइपोगोनाडिज्म रहित। दो समूहों के बीच ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन के स्तर की तुलना की गई। इसी तरह, दो के बीच बीएमआई की तुलना की गई।
परिणाम : अध्ययन में रोगियों की औसत (+एसडी) आयु 45.98 (+7.93) वर्ष थी। कुल अध्ययन जनसंख्या का औसत (+एसडी) एचबीए1सी क्रमशः 8.31 (+1.70)% और औसत टेस्टोस्टेरोन 399.64 (+158.36) एनजी/डीएल था। हाइपोगोनाडिज्म वाले रोगियों में एचबीए1सी का औसत (+एसडी) स्तर 8.89 (+1.84)% था और सामान्य कुल टेस्टोस्टेरोन स्तर के साथ एचबीए1सी का औसत (+एसडी) स्तर 7.84 (+1.86)% था। दो समूहों के बीच औसत ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन में अंतर सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण नहीं था। हाइपोगोनाडिज्म वाले रोगियों का औसत (+एसडी) बॉडी मास इंडेक्स 26.35 (+1.87) किग्रा/एम2 था और हाइपोगोनाडिज्म के बिना 26.09 (+2.53) था। दोनों समूहों के बीएमआई में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं था।
निष्कर्ष: टाइप 2 डायबिटीज़ मेलिटस के रोगियों में हाइपोगोनाडिज़्म का उच्च प्रसार देखा गया। हाइपोगोनाडिज़्म के रोगियों में ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन का स्तर उल्लेखनीय रूप से उच्च नहीं था।