द्विध्रुवी विकार में बायोमार्कर अनुसंधान एक विस्तारित ज्ञान के साथ एक नया क्षेत्र है। द्विध्रुवी विकार विभिन्न जैविक प्रणालियों के असंतुलन से जुड़ा है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली, न्यूरोट्रॉफिन, न्यूरोएंडोक्राइन अक्ष और ऑक्सीडेटिव तनाव शामिल हैं। द्विध्रुवी विकार के अंतर्निहित पैथोफिजियोलॉजिकल तंत्र से संबंधित परिधीय अणु रोग के अनुमानित बायोमार्कर हो सकते हैं। द्विध्रुवी विकार मस्तिष्क शोष से जुड़े संरचनात्मक और कार्यात्मक न्यूरोइमेजिंग परिवर्तनों से जुड़ा है, जिसमें विशेष रूप से पार्श्व वेंट्रिकल का विस्तार और प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स और एमिग्डाला वॉल्यूम में कमी शामिल है। द्विध्रुवी विकार परिधीय और न्यूरोइमेजिंग निष्कर्ष बीमारी की न्यूरोप्रोग्रेसिव प्रक्रियाओं को दर्शा सकते हैं। एक एकल उम्मीदवार बायोमार्कर द्विध्रुवी विकार की नैदानिक और जैविक विविधता का पता लगाने में असमर्थ प्रतीत होता है।